6 सितंबर 2025 को दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में नरेगा संघर्ष मोर्चा द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में 11 राज्यों से आए मनरेगा मजदूरों और कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को योजनाबद्ध तरीके से कमजोर करने का आरोप लगाया। कार्यकर्ता मुकेश ने कहा, “मनरेगा जो रोजगार की गारंटी देता है, वह कहीं दिखाई नहीं देता। हमें सिर्फ संघर्ष नजर आ रहा है। इस योजना से पलायन कम होने और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार व विकास की उम्मीद थी, लेकिन यह पूरा नहीं हुआ।” कार्यकर्ता रामबेटी ने बताया कि मनरेगा ने ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाया था, लेकिन अब जियो-टैगिंग और फेशियल रिकॉग्निशन जैसी तकनीकों ने नई समस्याएं खड़ी कर दी हैं। उन्होंने कहा, “जॉब कार्ड बनने में दिक्कतें आ रही हैं, भुगतान अटक रहा है, और इससे महिलाएं सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।” मजदूरों ने बकाया वेतन, बेरोजगारी भत्ता और फेशियल रिकॉग्निशन की समस्याओं के समाधान की मांग की। मनरेगा, जो 20 साल पहले शुरू हुई थी, दुनिया की सबसे बड़ी रोजगार गारंटी योजना मानी जाती है, लेकिन कार्यकर्ताओं का कहना है कि तकनीकी और वित्तीय बाधाएं इसके उद्देश्यों को कमजोर कर रही हैं।
दिल्ली में मनरेगा मजदूरों का प्रदर्शन: प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार पर योजना कमजोर करने का आरोप