न्यूयॉर्क: संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को एक आक्रामक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने गाजा में हमास के खिलाफ सैन्य अभियान को पूरा करने का वादा किया। भाषण के दौरान कई देशों के प्रतिनिधियों ने विरोध जताते हुए हॉल से बाहर निकल लिए, जबकि नेतन्याहू ने फिलिस्तीनी राज्य की मान्यता को 'राष्ट्रीय आत्महत्या' करार दिया। इस भाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए हमास ने इसे 'गुमराह करने वाला' और 'झूठों की लंबी सूची' वाला बताया है। हमास के प्रवक्ता ने टेलीग्राम पर जारी बयान में कहा कि नेतन्याहू का संबोधन स्पष्ट रूप से भ्रामक था, जिसमें इजरायल की कार्रवाइयों को जायज ठहराने के लिए झूठों का सहारा लिया गया। बयान में कहा गया, "झूठ सच्चाई को नहीं बदल सकता। दुनिया अब अच्छी तरह जान चुकी है कि गाजा में इजरायल क्या कर रहा है।" हमास ने वैश्विक समुदाय से अपील की है कि गाजा में जारी हत्याकांड और तबाही को तत्काल रोका जाए तथा इजरायल को क्षेत्र से पीछे हटने के लिए मजबूर किया जाए। इसके अलावा, हमास ने अन्य देशों से फिलिस्तीन को पूर्ण राज्य के रूप में मान्यता देने का आग्रह किया, ताकि फिलिस्तीनी लोगों को उनके अधिकार मिल सकें। संगठन ने जोर देकर कहा कि इजरायल की नीतियां क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा बनी हुई हैं। नेतन्याहू के भाषण के मुख्य बिंदु -
हमास के खिलाफ अभियान
उन्होंने कहा कि इजरायल को "काम पूरा करना होगा" और गाजा सिटी में छिपे हमास के अवशेषों को खत्म किया जाएगा। -
बंधकों का संदेश
भाषण के दौरान नेतन्याहू ने गाजा में बंधक इजरायलियों को सीधे संबोधित किया, "हमने आपको भुलाया नहीं है।" इजरायल ने कथित तौर पर गाजा में लाउडस्पीकर और मोबाइल फोनों के जरिए यह भाषण प्रसारित करने की कोशिश की। -
क्षेत्रीय खतरे
नेतन्याहू ने ईरान समर्थित समूहों (जैसे हिजबुल्लाह और हूती) को निशाना बनाते हुए इजरायल की सात मोर्चों पर लड़ाई का जिक्र किया। -
फिलिस्तीनी राज्य विरोध
उन्होंने कुछ यूरोपीय देशों की फिलिस्तीनी मान्यता को "पागलपन" बताया। यह घटना इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के बीच वैश्विक तनाव को और उजागर करती है, जहां संयुक्त राष्ट्र में इजरायल की बढ़ती अलगाव की भावना साफ दिखाई दी। हमास का बयान अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है, जबकि नेतन्याहू का संदेश घरेलू और अमेरिकी समर्थकों को मजबूत करने पर केंद्रित था। फिलहाल, गाजा में युद्धविराम की कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है।