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Wednesday, 29 October 2025

छठ पूजा मुस्लिम देशों में 'रानी' बनकर मनातीं हिंदू महिलाएं, भारत में हिंदू बहन-बेटियां 'बलात्कार की शिकार' – फिर मुसलमानों को गाली क्यों?

छठ पूजा मुस्लिम देशों में 'रानी' बनकर मनातीं हिंदू महिलाएं, भारत में हिंदू बहन-बेटियां 'बलात्कार की शिकार' – फिर मुसलमानों को गाली क्यों?
मुस्लिम बहुल देशों में हिंदू बेखौफ होकर अपने धार्मिक कार्य निभा रहे हैं। न टैक्स का बोझ, न जबरदस्ती का डर, न मां-बहनों पर खतरा। आधी रात हो या दोपहर, पूरी आजादी! लेकिन यही हिंदू अपने देश भारत में मुसलमानों को दिन-रात कोसते हैं। करोड़ों की लग्जरी कारें भारत में खरीदते हैं, वहीं मुस्लिम देशों में वही गाड़ी महज 40 लाख में, 0% टैक्स पर मिल जाती है। 

1. धार्मिक स्वतंत्रता का 'मुफ्त पास' संयुक्त अरब अमीरात (UAE), सऊदी अरब, कतर, बहरीन जैसे देशों में हिंदू मंदिरों का निर्माण हो रहा है। दुबई में बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) का भव्य मंदिर, अबू धाबी में पहला हिंदू मंदिर – ये सब मुस्लिम सरकारों की मेहरबानी से। वहां हिंदू त्योहार धूमधाम से मनाते हैं, पूजा-पाठ करते हैं, लेकिन भारत में एक मस्जिद की अजान पर हंगामा मच जाता है। क्या यही है 'धर्मनिरपेक्षता' का दोहरा मापदंड? 

2. टैक्स-फ्री लग्जरी, फिर भी शिकायतें दुबई में एक मर्सिडीज बेंज S-क्लास भारत में 1.8 करोड़ रुपये की पड़ती है, वहीं UAE में वही गाड़ी 35-40 लाख में। क्यों? क्योंकि वहां आयात शुल्क शून्य! भारतीय हिंदू वहां जाकर कारें खरीदते हैं, छुट्टियां मनाते हैं, लेकिन लौटकर भारत में 'मुस्लिम तुष्टिकरण' का रोना रोते हैं। अरे भाई, जिस देश में तुम्हें 0% टैक्स मिल रहा है, वहां की सरकार मुस्लिम है – फिर भारत में मुसलमानों को क्यों कोसते हो? 

3. सुरक्षा का 'विशेष पैकेज' – लेकिन भारत में हिंदू महिलाएं भी असुरक्षित! सऊदी अरब में हिंदू महिलाएं बिना बुर्का के घूमती हैं, रात 2 बजे भी सड़कों पर सुरक्षित। UAE में हिंदू बच्चे स्कूल जाते हैं, कोई डर नहीं। लेकिन 
भारत में हिंदू महिलाएं भी सुरक्षित नहीं! हाथरस, उन्नाव, कठुआ, बिलकिस बानो – ये नाम हिंदू महिलाओं और लड़कियों की असुरक्षा की गवाही देते हैं। रात में अकेली निकलना खतरे से खाली नहीं। NCRB डेटा बताता है – हर 15 मिनट में एक महिला के खिलाफ अपराध! फिर भी यही लोग मुस्लिम देशों में अपनी महिलाओं की 'सुरक्षा' की मिसाल देते हैं, और भारत में मुस्लिम महिलाओं को हिजाब के नाम पर निशाना बनाते हैं। अपने घर की महिलाएं असुरक्षित, पड़ोसी देश में 'सुरक्षा' का ढोंग – क्या यही है दोगलापन?

4. नौकरियां, व्यापार और 'मुफ्त की कमाई'** कतर में 8 लाख से ज्यादा भारतीय हिंदू काम करते हैं। सैलरी टैक्स-फ्री, रहना मुफ्त, हवाई टिकट मुफ्त। वहां की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा इन हिंदुओं के मेहनत से चलता है। लेकिन लौटकर यही लोग कहते हैं – "मुसलमान हमें नौकरी नहीं देने देते!" अरे, जिस देश में तुम्हारी सैलरी का 40% तक टैक्स बच रहा है, वहां की सरकार मुस्लिम है – फिर भारत में मुसलमानों पर क्यों कीचड़ उछालते हो? 

5. दोगलापन का 'सोशल मीडिया वर्जन' व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी में रोज वायरल होते हैं – "मुसलमान भारत को इस्लामिक स्टेट बनाना चाहते हैं!" लेकिन यही लोग दुबई की बुरज खलीफा की फोटो लगाकर स्टेटस डालते हैं – "मेरा दूसरा घर!" वहां की शरीयत कानूनों की तारीफ करते हैं, लेकिन भारत में एक मुस्लिम अगर नमाज पढ़े तो 'देशद्रोही'। और जब भारत में हिंदू महिलाओं पर अत्याचार होते हैं, तो चुप्पी! ये दोहरा चरित्र नहीं तो क्या? 

6. इतिहास की सच्चाई – कौन किसका नमक खाता है? भारत में हिंदू-मुस्लिम सदियों से साथ रहते आए हैं। मुगल काल में हिंदू राजा मुस्लिम बादशाहों के दरबार में सम्मान पाते थे। आजादी की लड़ाई में मौलाना अबुल कलाम आजाद, खान अब्दुल गफ्फार खान जैसे मुसलमानों ने हिंदुओं के साथ कंधे से कंधा मिलाया। लेकिन आज यही हिंदू कहते हैं – "मुसलमान घुसपैठिए हैं!" अरे, जिन देशों में तुम्हें मुफ्त की रोटी मिल रही है, वहां के मुसलमान तुम्हें 'मेहमान' मानते हैं – फिर अपने देश में मुसलमानों को 'दुश्मन' क्यों बनाते हो? और अपनी महिलाओं की सुरक्षा भी नहीं कर पाते!

 थाली में छेद करने की आदत छोड़ो ये दोहरा चरित्र नहीं तो क्या? जिस थाली में खाते हैं, उसी में छेद करते हैं। मुस्लिम देशों में राजा बनकर घूमो, सुविधाएं लूटो, और भारत लौटकर मुसलमानों को गाली दो। इनसे बड़ा नमकहराम और नीच कोई नहीं इस धरती पर। समय है – अपने गिरेबान में झांको। अगर मुस्लिम देशों में तुम इतने सुरक्षित और समृद्ध हो, तो अपने देश के मुसलमानों को भी वही सम्मान दो। और सबसे पहले अपनी हिंदू महिलाओं को सुरक्षित करो! नहीं तो इतिहास तुम्हें दोगले के रूप में याद रखेगा।