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Saturday, 18 October 2025

लद्दाख़ में तनाव: लेह प्रदर्शन मार्च पर सख्ती, इंटरनेट सेवाएं निलंबित; कारगिल में शांतिपूर्ण विरोध

लद्दाख़ में तनाव: लेह प्रदर्शन मार्च पर सख्ती, इंटरनेट सेवाएं निलंबित; कारगिल में शांतिपूर्ण विरोध
लेह: लद्दाख़ के लेह शहर में शनिवार को अपेक्स बॉडी लेह (एबीएल) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के प्रस्तावित शांतिपूर्ण प्रदर्शन मार्च से पहले प्रशासन ने सख्त प्रतिबंध लगा दिए हैं। धारा 163 के तहत पांच या इससे अधिक लोगों के जमावड़े पर रोक लगा दी गई है, जबकि मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को पूरी तरह निलंबित कर दिया गया। लेह में भारी पुलिस बल तैनात है, बाजार बंद हैं और वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है। यह कदम 24 सितंबर को लेह में हुई हिंसक झड़पों के बाद की घटनाओं के मद्देनजर उठाया गया है, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी और 90 से अधिक घायल हुए थे। एबीएल और केडीए ने शनिवार को सुबह 10 बजे से दो घंटे का साइलेंट मार्च और शाम 6 से रात 9 बजे तक पूरे लद्दाख़ में ब्लैकआउट का आह्वान किया था। यह प्रदर्शन हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति एकजुटता दिखाने, घायलों के इलाज और गिरफ्तार युवाओं की रिहाई के लिए था। एबीएल के को-चेयरमैन छीरिंग दोरजे लुक्रक को शनिवार सुबह कुछ घंटों के लिए हाउस अरेस्ट किया गया, लेकिन बाद में रिहा कर दिया गया। लुक्रक ने कहा, "लेह में सख्त प्रतिबंध हैं। जगह-जगह बैरिकेड्स लगे हैं। लेह शहर को छोड़कर लद्दाख़ के अन्य ब्लॉकों में शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुए। यहां हालात तनावपूर्ण हैं।" एक स्थानीय निवासी ने बताया कि शहर में सुरक्षाबलों की भारी तैनाती है, बाजार पूरी तरह बंद हैं और सड़कें वीरान हैं। दूसरी ओर, कारगिल में प्रदर्शनकारियों ने शांतिपूर्ण तरीके से राज्यhood और संविधान की छठी अनुसूची के तहत सुरक्षा की मांग की। केडीए के नेता मोहम्मद यूसुफ करबलाई ने प्रतिबंधों की निंदा की और कहा कि लद्दाख़ के शांतिप्रिय लोग ऐसी दमनकारी कार्रवाई स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने देश भर की सिविल सोसाइटी से समर्थन की सराहना की। 
लद्दाख़ को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर  प्रदर्शन हुए थे. बाद मे उसे शरारतपूर्ण हिंसक बनाया गया था 

प्रतिबंध धारा 163 के तहत 5+ लोगों का जमावड़ा प्रतिबंधित; मोबाइल इंटरनेट बंद 
प्रदर्शन आह्वान 18 अक्टूबर: 2 घंटे साइलेंट मार्च + 3 घंटे ब्लैकआउट मांगें गिरफ्तारियों की रिहाई, हिंसा पीड़ितों को मुआवजा, छठी अनुसूची लागू  
हिंसा का बैकग्राउंड|24 सितंबर: 4 मौतें, 90 घायल; सोनम वांगचुक गिरफ्तार स्थिति लेह तनावपूर्ण, कारगिल में शांतिपूर्ण प्रदर्शन | विशेषज्ञों का मानना है कि ये प्रतिबंध आंदोलन को दबाने की कोशिश हैं, लेकिन स्थानीय लोगों का आक्रोश कम नहीं हो रहा। केंद्र सरकार ने 24 सितंबर की हिंसा की न्यायिक जांच का ऐलान किया है, लेकिन राज्यhood और छठी अनुसूची जैसे मूल मुद्दों पर ठोस कदम न उठने से असंतोष बढ़ रहा है। लद्दाख़, जो चीन और पाकिस्तान से सटा संवेदनशील क्षेत्र है, में शांति बहाली के लिए संवाद की जरूरत बताई जा रही है। अधिकारी लगातार अपडेट जारी कर रहे हैं।