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Tuesday, 14 October 2025

बिहार चुनाव से पहले NDA में सीट बंटवारे पर नया ट्विस्ट: मांझी-कुशवाहा को एक-एक अतिरिक्त सीट, गठबंधन की एकता बरकरार रखने की कवायद तेज

बिहार चुनाव से पहले NDA में सीट बंटवारे पर नया ट्विस्ट: मांझी-कुशवाहा को एक-एक अतिरिक्त सीट, गठबंधन की एकता बरकरार रखने की कवायद तेज
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से ठीक पहले राष्ट्रीय लोक गठबंधन (NDA) में सीट बंटवारे को लेकर चली आ रही खींचतान के बीच एक नया मोड़ आ गया है। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी तथा राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की नाराजगी को शांत करने के लिए भाजपा ने रणनीतिक कदम उठाया है। सूत्रों के अनुसार, दोनों दलों को मूल फॉर्मूले में एक-एक अतिरिक्त सीट देने का प्लान तैयार हो गया है, जिससे HAM और RLM को अब 7-7 सीटें मिल सकती हैं। यह बदलाव NDA की एकजुटता बनाए रखने और विपक्षी महागठबंधन को कमजोर करने की दिशा में भाजपा का मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है। 
नाराजगी से सहमति तक: दिल्ली-पटना में चली गहन चर्चाएं 12 अक्टूबर 2025 को घोषित मूल सीट बंटवारे में भाजपा और जेडीयू को 101-101 सीटें, चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) को 29, जबकि HAM और RLM को मात्र 6-6 सीटें आवंटित की गई थीं। इस फॉर्मूले से असंतुष्ट मांझी ने 15 सीटों की मांग की थी, जबकि कुशवाहा ने 24 सीटें मांगी थीं। मांझी ने यहां तक कहा था कि "कम सीटें मिलने से कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा है और NDA में प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं।" कुशवाहा ने भी सोशल मीडिया पर अफवाहों को खारिज करते हुए कहा था कि "चर्चाएं अभी पूरी नहीं हुई हैं।" इन बयानों के बाद भाजपा ने त्वरित कदम उठाए। दिल्ली में मांझी के साथ केंद्रीय नेताओं की बैठक हुई, जबकि पटना में कुशवाहा से राज्य इकाई के पदाधिकारियों ने बातचीत की। सूत्र बताते हैं कि अतिरिक्त सीटें उन क्षेत्रों से ली जाएंगी जहां NDA की पकड़ मजबूत है, लेकिन छोटे दलों की मजबूती के लिए जरूरी है। अब अंतिम मुहर लगते ही NDA की ओर से आधिकारिक घोषणा की जाएगी, जो संभवतः 15-16 अक्टूबर तक हो सकती है। इस बदलाव से NDA का कुल समीकरण अब भी 243 सीटों पर फिट बैठेगा, क्योंकि भाजपा या जेडीयू में मामूली कटौती संभव है। 

मूल फॉर्मूला बनाम नया प्रस्ताव: संतुलन की कोशिश मूल घोषणा के बाद मांझी ने संतोष जताया था कि "हाईकमान का फैसला मान्य है," लेकिन आंतरिक असंतोष छिपा नहीं था। कुशवाहा ने भी कहा था कि "सहमति से फैसला हुआ है," मगर उनकी मांगें पूरी न होने से गठबंधन में दरार की आशंका थी। अब नया फॉर्मूला इस प्रकार हो सकता है: | दल का नाम | मूल सीटें | प्रस्तावित सीटें | प्रमुख नेता 

भारतीय जनता पार्टी (BJP) | 101 | 100-101 | - | | जनता दल (यूनाइटेड) (JDU) | 101 | 100-101 | नीतीश कुमार | | लोक जनशक्ति पार्टी (RV) | 29 | 29 | चिराग पासवान | | हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) | 6 | 7 | जीतन राम मांझी | | राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) | 6 | 7 | उपेंद्र कुशवाहा | 

 कुल सीटें 243 ही रहेंगी; मामूली एडजस्टमेंट संभव।) HAM को संभावित अतिरिक्त सीट: इमामगंज या बरचट्टी। RLM को: मधुबनी या उजियारपुर। यह बदलाव दलित-ओबीसी वोट बैंक को मजबूत करने का प्रयास है, जहां मांझी की मुसहर समुदाय और कुशवाहा की कुशवाहा जाति प्रभावशाली है। 

राजनीतिक निहितार्थ: 2025 चुनाव में NDA की मजबूती यह फेरबदल NDA के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि बिहार में 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में होने वाले चुनावों में छोटे सहयोगियों की भूमिका निर्णायक हो सकती है। विपक्षी RJD ने इसे "भाजपा की घुटने टेकना" बताते हुए तंज कसा है। RJD प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा, "भाजपा चिराग, मांझी और कुशवाहा के आगे झुक गई है, ताकि सत्ता बरकरार रहे।" लेकिन NDA नेता इसे "सामूहिक निर्णय" बता रहे हैं, जो बिहार को "फिर से NDA सरकार" देने का संकल्प दर्शाता है। सोशल मीडिया पर भी बहस छिड़ गई है, जहां #NDASeatSharing ट्रेंड कर रहा है। मांझी के एक पोस्ट पर कार्यकर्ताओं ने समर्थन जताया,

 जबकि कुशवाहा ने "एकता ही शक्ति" का संदेश दिया। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव NDA को 160+ सीटों का लक्ष्य हासिल करने में मदद करेगा?