अंटानानारिवोः हिंद महासागर के द्वीपीय राष्ट्र मेडागास्कर में राजनीतिक संकट ने चरम रूप धारण कर लिया है। एलीट सैन्य यूनिट आर्मी पर्सनल एडमिनिस्ट्रेशन सेंटर (CAPSAT) ने मंगलवार को घोषणा की है कि उसने देश की सैन्य शक्तियों पर नियंत्रण हासिल कर लिया है और राष्ट्रपति एंड्री राजोएलिना को सत्ता से बेदखल कर दिया गया है। यह कदम राष्ट्रपति के खिलाफ संसद द्वारा पारित महाभियोग प्रस्ताव और हफ्तों से चली आ रही युवा-नेतृत्व वाली विरोध प्रदर्शनों के बीच उठाया गया है। राजोएलिना, जो 2009 के सैन्य समर्थित तख्तापलट के बाद सत्ता में आए थे, ने सोशल मीडिया पर फेसबुक लाइव के जरिए दावा किया है कि वे अभी भी वैध राष्ट्रपति हैं और देश छोड़ चुके हैं, लेकिन इस्तीफा नहीं दिया।
घटना का पूरा विवरण: CAPSAT का विद्रोह और सत्ता पर कब्जा मेडागास्कर की राजधानी अंटानानारिवो में रविवार को CAPSAT यूनिट के सैनिकों ने युवा प्रदर्शनकारियों के साथ मिलकर राष्ट्रपति के खिलाफ खुलेआम विद्रोह किया। इस एलीट यूनिट ने सेना के सभी विभागों पर नियंत्रण का दावा करते हुए जनरल डेमोस्थेने पिकुलास को नया सेना प्रमुख नियुक्त किया। रक्षा मंत्री मनंत्सोआ डेरामासिंजाका राकोटोआरिवेलो ने अनुपस्थिति में इस नियुक्ति को स्वीकार कर लिया। CAPSAT के कमांडर कर्नल माइकल रैंड्रियनिरिना ने कहा, "हम लोगों की पुकार पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं, लेकिन यह तख्तापलट नहीं है।" सोमवार को CAPSAT ने संवैधानिक अदालत, चुनाव आयोग और अन्य प्रमुख लोकतांत्रिक संस्थाओं को निलंबित करने की घोषणा की, जबकि संसद को भंग कर दिया गया। राष्ट्रपति राजोएलिना ने सोमवार रात को एक गुप्त स्थान से फेसबुक लाइव पर संबोधन दिया, जहां उन्होंने कहा, "मैं अपनी जान के डर से देश छोड़ चुका हूं, लेकिन संविधान का सम्मान किया जाना चाहिए।" उन्होंने महाभियोग प्रक्रिया को "असंवैधानिक" बताते हुए खारिज कर दिया और संवाद की अपील की। हालांकि, प्रदर्शनकारी और सैन्य विद्रोही उनका इस्तीफा मांग रहे हैं। पुलिस ने भी मंगलवार को सैन्य और जेंडार्मरी के साथ मिलकर प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया, जिससे राजोएलिना की सरकार की पकड़ और कमजोर हो गई।
ऐतिहासिक मोड़: 2009 का तख्तापलट उल्टा पड़ा दिलचस्प बात यह है कि CAPSAT यूनिट ने 2009 में राजोएलिना के सत्ता में आने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। तब उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति मार्क रावलोमानाना को हटाकर सत्ता पर कब्जा किया था। अब वही यूनिट राजोएलिना के खिलाफ हो गई है। मेडागास्कर, जो 1960 में फ्रांस से स्वतंत्र हुआ, का इतिहास सैन्य हस्तक्षेपों से भरा पड़ा है। 1970 के दशक में कई तख्तापलट हुए, और 2009 का संकट सबसे बड़ा था। राजोएलिना 2013 में चुनाव हार गए, लेकिन 2018 में दोबारा सत्ता में लौटे। उनका तीसरा कार्यकाल 2023 में शुरू हुआ, लेकिन अब यह सबसे गंभीर चुनौती है।
विरोध प्रदर्शनों का कारण: आर्थिक संकट और भ्रष्टाचार के आरोप प्रदर्शन 25 सितंबर से शुरू हुए, जो शुरुआत में बिजली-पानी की कटौती जैसी बुनियादी समस्याओं पर केंद्रित थे, लेकिन जल्दी ही आर्थिक मंदी, भ्रष्टाचार और राजनीतिक दमन के व्यापक मुद्दों पर फैल गए। युवा-नेतृत्व वाली "जनरेशन Z" ने सरकार के संवाद के प्रस्तावों को ठुकरा दिया। प्रदर्शनकारियों ने कहा, "राजोएलिना को एक दिन में सत्ता छोड़नी चाहिए और मारे गए लोगों के लिए माफी मांगनी चाहिए।" सुरक्षा बलों द्वारा प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी में कम से कम तीन लोग मारे गए, जबकि दर्जनों घायल हुए। राजधानी में सड़कों पर भारी भीड़ उमड़ी, और सैनिकों ने प्रदर्शनकारियों का स्वागत किया।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: चिंता और निंदा अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस संकट पर गहरी चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ ने शांतिपूर्ण समाधान की अपील की, जबकि फ्रांस (पूर्व उपनिवेशक) ने "संवैधानिक व्यवस्था" बहाल करने की मांग की। मेडागास्कर विदेशी सहायता पर निर्भर है, इसलिए तख्तापलट की आधिकारिक मान्यता से बचने के लिए सैन्य नेताओं ने "लोगों की पुकार" का हवाला दिया। अमेरिका ने कहा कि यह "लोकतंत्र के लिए खतरा" है। राजोएलिना की अनुपस्थिति में सैन्य ने अंतरिम व्यवस्था का संकेत दिया, लेकिन अगले कदम अस्पष्ट हैं।
आगे की राह: अनिश्चितता और संभावित संवाद सैन्य विद्रोह के बाद देश में शांति बहाल करने के प्रयास तेज हो गए हैं। प्रदर्शनकारी जीत का जश्न मना रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि बिना अंतरराष्ट्रीय समर्थन के नई व्यवस्था अस्थिर रह सकती है। राजोएलिना ने संवाद का आह्वान किया है, लेकिन युवाओं ने इसे खारिज कर दिया। मेडागास्कर के 3.1 करोड़ लोगों के लिए यह संकट आर्थिक पुनरुद्धार और राजनीतिक स्थिरता की चुनौती पेश करता है। सोशल मीडिया पर #MadagascarCoup ट्रेंड कर रहा है, जहां लोग ऐतिहासिक समानांतर खींच रहे हैं।