कर्नाटक की हावेरी पुलिस ने गैंगरेप केस में ज़मानत पर रिहा किए गए सात लोगों को 24 घंटे के अंदर ही गिरफ़्तार कर लिया है.
पुलिस की ओर से यह कार्रवाई तब हुई जब अभियुक्तों ने स्थानीय अदालत से ज़मानत मिलने के बाद दोपहिया वाहनों और कारों के काफ़िले में जुलूस निकाला.
सातों युवक एक मुस्लिम महिला से गैंगरेप करने के आरोप में जेल में थे.
उन पर आरोप है कि इन सभी ने एक होटल के कमरे में घुसकर एक मुस्लिम महिला पर हमला किया था, जो एक हिंदू व्यक्ति के साथ थी. आरोप के अनुसार, इसके बाद सातों युवकों ने महिला को कार में ले जाकर सामूहिक बलात्कार किया.
हनागल पुलिस ने शुरू में होटल कर्मचारी की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था, जिसमें गैरक़ानूनी रूप से भीड़ इकट्ठा करना, दंगा, घर में घुसपैठ, महिला की गरिमा भंग करने की नीयत से हमला और आपराधिक धमकी जैसी धाराएं शामिल थीं.
बाद में जब 28 साल की महिला ने मैजिस्ट्रेट के सामने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान दिया, तो पुलिस ने आरोपों में सामूहिक बलात्कार (आईपीसी की धारा 376(डी)) भी जोड़ दिया. इसके साथ ही पुलिस ने अपहरण और यौन उत्पीड़न की धाराएं भी आरोपों में शामिल कर दीं.
जनवरी 2024 में हनागल पुलिस थाना क्षेत्र में हुए सामूहिक बलात्कार मामले में कुल 19 लोगों को गिरफ़्तार किया गया था.
अदालत ने पहले 12 लोगों को ज़मानत दी थी. फिर इसके बाद इसी साल 20 मई को बचे 9 अभियुक्तों को भी अदालत ने ज़मानत दे दी.
जब ज़मानत मिलने के बाद जुलूस निकाला गया और उनके विजय जुलूस के वीडियो वायरल हुए तब पुलिस ने इस पर कार्रवाई करते हुए भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया.