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Tuesday, 17 June 2025

एयर इंडिया की उड़ानों पर दोहरी मार: तकनीकी खराबी और प्रकृति का प्रकोप

एयर इंडिया की उड़ानों पर दोहरी मार: तकनीकी खराबी और प्रकृति का प्रकोप
ज्वालामुखी विस्फोट के कारण बाली से दिल्ली वापस लौटा एयर इंडिया का प्लेन....

हाल के दिनों में एयर इंडिया की उड़ानें सुर्खियों में रही हैं, लेकिन कारण उत्साहजनक नहीं हैं। एक ओर जहां तकनीकी खराबी ने यात्रियों और विमानन उद्योग का ध्यान खींचा है, वहीं दूसरी ओर प्रकृति की आपदाएं भी एयर इंडिया के लिए चुनौती बनकर उभरी हैं। यह संयोग है या नियति, लेकिन इन घटनाओं ने विमानन सुरक्षा और प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

प्रकृति का कहर: ज्वालामुखी विस्फोट के कारण उड़ान वापसी

18 जून 2025 को दिल्ली से बाली जा रही एयर इंडिया की उड़ान संख्या AI2145 को एक अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदा के कारण वापस लौटना पड़ा। इंडोनेशिया के बाली के पास माउंट लेवोटोबी लाकी में ज्वालामुखी विस्फोट ने आसमान में राख का गुबार फैला दी, जो उड़ान सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा था। एयर इंडिया के प्रवक्ता ने बताया, “विमान सुरक्षित रूप से दिल्ली में उतर गया, और सभी यात्रियों को सुरक्षित उतार लिया गया।” यह निर्णय समय पर लिया गया, जिसने संभावित बड़े हादसे को टाल दिया।

यह पहला मौका नहीं है जब प्राकृतिक आपदा ने उड़ानों को प्रभावित किया हो। ज्वालामुखी राख विमान के इंजन के लिए खतरनाक होती है, क्योंकि यह इंजन में जाकर उसे जाम कर सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन और बढ़ती प्राकृतिक आपदाएं विमानन उद्योग के लिए नई चुनौतियां पेश कर रही हैं।

तकनीकी खराबी: बार-बार सामने आ रही समस्याएं

प्राकृतिक आपदाओं के साथ-साथ, एयर इंडिया की उड़ानों में तकनीकी खराबी की घटनाएं भी लगातार चर्चा में हैं। हाल ही में, 12 जून 2025 को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की उड़ान AI171 एक दुखद हादसे का शिकार हो गई। इस बोइंग 787 ड्रीमलाइनर ने टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 241 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की मौत हो गई। जांच में पता चला कि विमान के दाहिने इंजन की हाल ही में मरम्मत की गई थी, जो मार्च 2025 में बदला गया था।

इसके अलावा, 17 जून 2025 को हांगकांग से नई दिल्ली जा रही उड़ान AI315 को तकनीकी खराबी के कारण हांगकांग वापस लौटना पड़ा। पायलट ने टेकऑफ के 15 मिनट बाद ही एयर ट्रैफिक कंट्रोल को सूचित किया कि वे तकनीकी कारणों से आगे नहीं बढ़ना चाहते। विमान सुरक्षित रूप से उतर गया, लेकिन यह घटना एयर इंडिया की रखरखाव प्रक्रियाओं पर सवाल उठाती है।

पिछले कुछ दिनों में अन्य घटनाएं भी सामने आई हैं। जयपुर में एक उड़ान को तकनीकी खराबी के कारण रद्द करना पड़ा, और थाईलैंड से भारत आ रही एक उड़ान को बम धमकी के कारण आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी। ये घटनाएं न केवल यात्रियों के लिए असुविधा का कारण बनीं, बल्कि एयर इंडिया की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठा रही हैं।
       यात्रियों का भरोसा और सुरक्षा पर सवाल

इन घटनाओं ने यात्रियों के बीच चिंता पैदा कर दी है। एक यात्री, आकाश वत्स, जिन्होंने दुर्घटनाग्रस्त उड़ान AI171 में दिल्ली से अहमदाबाद तक की यात्रा की थी, ने दावा किया कि उन्होंने विमान में कई खामियां देखी थीं और एयर इंडिया को इसकी सूचना देने की कोशिश की थी। यह दावा जांच का विषय है, लेकिन यह संकेत देता है कि रखरखाव और गुणवत्ता नियंत्रण में कहीं न कहीं चूक हो सकती है।

विशेषज्ञों का मानना है कि एयर इंडिया को अपनी रखरखाव प्रक्रियाओं को और सख्त करना होगा। भारत के नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने पहले ही एयर इंडिया के बोइंग 787 बेड़े पर अतिरिक्त सुरक्षा जांच के आदेश दिए हैं, जिसमें टेकऑफ मापदंडों की एकमुश्त जांच और इंजन प्रदर्शन की निगरानी शामिल है।

आगे की राह

एयर इंडिया, जो टाटा समूह के अधिग्रहण के बाद अपनी छवि को बेहतर बनाने की कोशिश कर रही है, के लिए यह समय कठिन है। तकनीकी खराबी और प्राकृतिक आपदाओं का यह दोहरा संकट न केवल परिचालन चुनौतियां ला रहा है, बल्कि यात्रियों का भरोसा जीतने की राह को भी मुश्किल बना रहा है।

विमानन उद्योग में सुरक्षा सर्वोपरि है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि एयर इंडिया को न केवल अपने बेड़े के रखरखाव पर ध्यान देना चाहिए, बल्कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए बेहतर आपातकालीन योजनाएं भी तैयार करनी चाहिए। साथ ही, यात्रियों के साथ पारदर्शी संचार और शिकायतों का त्वरित समाधान विश्वास बहाली में मदद कर सकता है।

निष्कर्ष

एयर इंडिया के लिए यह समय आत्ममंथन और सुधार का है। तकनीकी खराबी और प्राकृतिक आपदाएं भले ही अप्रत्याशित हों, लेकिन इनसे निपटने की तैयारी और जवाबदेही ही किसी एयरलाइन की साख बनाती है। यात्रियों की सुरक्षा और विश्वास को प्राथमिकता देकर ही एयर इंडिया इस दोहरे संकट से उबर सकती है।