: सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका के अनुसार, बिहार में गरीबी और बड़े पैमाने पर प्रवास के कारण लाखों लोगों को मतदान के अधिकार से वंचित होने का खतरा है। याचिका में कहा गया है कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, वंचित समुदायों और प्रवासी मजदूरों सहित 3 करोड़ से अधिक लोगों के पास माता-पिता के जन्म प्रमाणपत्र और अन्य आवश्यक दस्तावेज नहीं हैं। इस स्थिति के कारण इन लोगों को अपने मताधिकार का उपयोग करने में बाधा आ सकती है। बिहार में 94 लाख से अधिक परिवार प्रतिदिन 200 रुपये से कम आय पर जीवनयापन कर रहे हैं, और प्रवास के कारण कई लोग अपने मूल निवास से दूर हैं, जिससे दस्तावेज जमा करना और मतदाता सूची में पंजीकरण चुनौतीपूर्ण हो गया है।
यह याचिका चुनाव आयोग और सरकार से इस समस्या के समाधान के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग करती है, ताकि इन वंचित समुदायों को उनके लोकतांत्रिक अधिकारों से वंचित न होना पड़े।