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Tuesday, 16 September 2025

राजस्थान विधानसभा में स्पीकर पर जासूसी का आरोप: 'कपड़ों पर नजर रखते हैं', कांग्रेस महिला विधायकों के दावों से मचा हड़कंप

राजस्थान विधानसभा में स्पीकर पर जासूसी का आरोप: 'कपड़ों पर नजर रखते हैं', कांग्रेस महिला विधायकों के दावों से मचा हड़कंप
राजस्थान विधानसभा में सीसीटीवी कैमरों को लेकर बड़ा विवाद छिड़ गया है। कांग्रेस की महिला विधायकों ने स्पीकर वासुदेव देवनानी पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि वे अपने चैंबर से कैमरों के जरिए विधानसभा में महिलाओं के पहनावे और बैठने की मुद्रा पर नजर रख रहे हैं। यह आरोप विपक्ष की गोपनीयता के उल्लंघन का मामला बन गया है, जिससे राजनीतिक घमासान मच गया है। 

क्या है पूरा मामला? राजस्थान विधानसभा में सदन के दैनिक कार्यवाही की रिकॉर्डिंग के लिए पहले से ही कैमरे लगे हुए हैं, जिनका लाइव प्रसारण यूट्यूब पर किया जाता है। लेकिन हाल ही में दो अतिरिक्त कैमरों की स्थापना ने विवाद को हवा दे दी है। कांग्रेस की महिला विधायक रीटा बरबड़ (जो गीता बरवार के नाम से भी जानी जाती हैं) और शिमला नायक ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि ये कैमरे स्पीकर के चैंबर से नियंत्रित होते हैं और सदन की कार्यवाही समाप्त होने के बाद भी इनका वीडियो फुटेज केवल स्पीकर ही देखते हैं। उन्होंने दावा किया कि इससे उनकी गोपनीयता का सीधा उल्लंघन हो रहा है, खासकर महिलाओं के कपड़ों और व्यवहार पर नजर रखी जा रही है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने स्पष्ट शब्दों में कहा, "स्पीकर को महिलाओं की जासूसी नहीं करनी चाहिए।" वहीं, विपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने तो यह भी दावा किया कि उनके पास स्पीकर के रूम की मोबाइल रिकॉर्डिंग है, जो साबित करती है कि सीसीटीवी का एक्सेस केवल स्पीकर के पास है। जूली ने सदन में कहा, "ये कैमरे विपक्ष की जासूसी के लिए लगाए गए हैं, जो लोकतंत्र के लिए खतरा है।" 

दो अतिरिक्त कैमरों से शुरू हुआ विवाद यह विवाद तब भड़का जब विधानसभा में दो नए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए, जिनकी अनुमानित लागत 18 लाख रुपये बताई जा रही है। कांग्रेस का आरोप है कि ये कैमरे सदन की सामान्य रिकॉर्डिंग के अलावा विपक्षी सदस्यों की निगरानी के लिए हैं। सदन में पहले से 9 कैमरे लगे हैं, लेकिन इन नए कैमरों को लेकर विपक्ष ने हंगामा किया। कांग्रेस विधायकों ने सदन में 'जासूस जासूस' के नारे लगाए और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के भाषण का बहिष्कार तक कर दिया। टीकाराम जूली ने सदन में पूछा, "कार्यवाही के बाद भी हमारी अनौपचारिक बातचीत रिकॉर्ड हो रही है। इन कैमरों तक पहुंच किसकी है?" विपक्ष का कहना है कि यह संविधान के अनुच्छेद 21 (गोपनीयता का अधिकार) का उल्लंघन है। महिला विधायकों ने राज्य कांग्रेस अध्यक्ष और विपक्ष के नेता को शिकायत सौंपी है, जिसमें इन कैमरों को तुरंत हटाने और अवैध निगरानी बंद करने की मांग की गई है। 

 भाजपा का पलटवार: कांग्रेस की सोच 'गंदी' और 'औछी' भाजपा सरकार ने कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। भाजपा नेताओं ने इसे तुच्छ और गंदी राजनीति करार दिया। उन्होंने कहा कि जिनकी पार्टी के नेता और मंत्री भंवरी देवी दुश्कर्म मामले में फंसे हुए हैं, वे स्पीकर पर सवाल उठा रहे हैं। संसदीय कार्य मंत्री जोगराम पटेल ने तंज कसते हुए कहा कि सदन कोई 'बाथरूम' नहीं है जहां गोपनीयता की बात हो। स्पीकर वासुदेव देवनानी ने स्पष्ट किया कि कैमरे सदन की स्थापना से ही लगे हुए हैं और ये केवल वीडियो रिकॉर्ड करते हैं, ऑडियो नहीं। उन्होंने विधायकों को चेतावनी दी कि सदन को 'ड्रामा स्टेज' न बनाएं, वरना सत्र स्थगित करना पड़ेगा। भाजपा का कहना है कि ये कैमरे सदस्यों की उपस्थिति ट्रैक करने के लिए लगाए गए हैं, जैसा कि विधायकों की मांग पर किया गया। पार्टी ने कांग्रेस को पुराने सत्रों के बहिष्कार का हवाला देते हुए कहा कि वे महत्वपूर्ण बिलों पर बोलने का मौका गंवा चुके हैं। 

महिलाओं की गरिमा पर सवाल, मांग जांच की कांग्रेस ने इस घटना को महिलाओं के प्रति अपमानजनक बताते हुए कहा कि इससे महिला प्रतिनिधियों को दबाने की कोशिश हो रही है। उन्होंने तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई की मांग की है। विपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने इसकी जांच की मांग की, दावा करते हुए कि ऐसी निगरानी लोकतंत्र को कमजोर करती है। यह विवाद राजस्थान की भजनलाल सरकार और कांग्रेस के बीच तनाव को और बढ़ा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मुद्दा विधानसभा की कार्यप्रणाली और गोपनीयता के अधिकार पर बहस छेड़ सकता है। फिलहाल, कांग्रेस महिला विधायक जल्द ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पर और विस्तार से बात करने वाली हैं।

 16/9/2025 
 एस,बी,नायाणी