यमन की सेना ने दुश्मनों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए घोषणा की है कि उनके पास दुश्मन पर करारा हमला करने की पूरी क्षमता और साधन उपलब्ध हैं। यमन की जनता की क्रांति की विजय की सालगिरह के अवसर पर सेनाध्यक्ष मुहम्मद नासिर अल-आतिफी और रक्षामंत्री मुहम्मद अब्दुल करीम अल-ग़मारी ने एक संयुक्त बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने सभी दुश्मनों, अपराधी इज़राइली शासन, उसके समर्थक शासकों और गद्दारों को चेतावनी दी है। उनके बयान में कहा गया है कि यमन ने एक आधुनिक, शक्तिशाली और उन्नत सेना का गठन किया है, जो न केवल देश की सीमाओं की रक्षा करने में सक्षम है, बल्कि इस्लामी उम्मा की पवित्रताओं की भी हिफाजत कर सकती है। सेनाध्यक्ष अल-आतिफी और रक्षामंत्री अल-ग़मारी ने जोर देकर कहा कि दुश्मनों को यह समझना चाहिए कि यमन की सेना किसी भी आक्रामकता का मुंहतोड़ जवाब देने को तैयार है।
यह बयान यमन के सैन्य नेतृत्व की दृढ़ता को दर्शाता है, जो लंबे समय से चल रहे संघर्ष में देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। यह संयुक्त बयान यमन की क्रांतिकारी जनता के बीच उत्साह का संचार कर रहा है। अल-आतिफी, जो 2016 से रक्षामंत्री के पद पर हैं, और अल-ग़मारी, जो हौथी सेना के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ हैं, ने इस अवसर पर जनता से एकजुट रहने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि क्रांति की विजय न केवल यमन की आजादी का प्रतीक है, बल्कि पूरी इस्लामी दुनिया के लिए प्रेरणा स्रोत भी है। दुश्मनों की किसी भी साजिश को विफल करने के लिए सेना की तैयारियां पूरी हैं, और कोई भी उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
यमन का यह बयान क्षेत्रीय तनाव के बीच आया है, जहां इज़राइल और उसके सहयोगियों के खिलाफ यमन की कार्रवाइयां लगातार जारी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह घोषणा यमन की सैन्य क्षमताओं को मजबूत करने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने का प्रयास है। क्रांति की सालगिरह पर यह बयान न केवल सैन्य दृढ़ता का प्रतीक है, बल्कि यमन की जनता के बीच एकता और प्रतिरोध की भावना को भी मजबूत करेगा।