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Thursday, 25 September 2025

कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस का केंद्र पर हमला: लेह हिंसा के बाद 'बदले की कार्रवाई' का आरोप, कारगिल में पूर्ण बंद

कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस का केंद्र पर हमला: लेह हिंसा के बाद 'बदले की कार्रवाई' का आरोप, कारगिल में पूर्ण बंद
कारगिल, 25 सितंबर 2025

लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग को लेकर बुधवार को लेह में भड़की हिंसा के बाद कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र प्रशासन पर बदले की कार्रवाई का गंभीर आरोप लगाया। केडीए ने एकजुटता दिखाते हुए कारगिल में पूर्ण बंद का आह्वान किया, जो शांतिपूर्ण विरोध के रूप में दर्ज किया गया। संगठन ने मांग की कि लेह में हुई गोलीबारी की स्वतंत्र जांच हो और प्रदर्शनकारियों व उनके परिवारों का उत्पीड़न बंद हो। 

हिंसा का पृष्ठभूमि: शांतिपूर्ण आंदोलन से उग्र प्रदर्शन तक लद्दाख का आंदोलन 10 सितंबर से चल रहा है, जब जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने अनशन शुरू किया। लेह एपेक्स बॉडी (LAB) और केडीए ने संयुक्त रूप से राज्य का दर्जा, छठी अनुसूची (आदिवासी सुरक्षा), लेह-कारगिल के लिए अलग लोकसभा सीटें और स्थानीय नौकरियों में आरक्षण की मांग की। 2019 में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया, लेकिन वादे पूरे न होने से असंतोष बढ़ा। 23 सितंबर को अनशन के दौरान दो वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के बेहोश होने के बाद 24 सितंबर को लेह में पूर्ण बंद हुआ। सुबह शांतिपूर्ण मार्च दोपहर तक उग्र हो गया, जिसमें युवाओं ने भाजपा कार्यालय, हिल काउंसिल और सरकारी दफ्तरों पर हमला किया। आगजनी में सीआरपीएफ वाहन जले, पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली चलाई। परिणामस्वरूप चार मौतें, 12 गंभीर घायल और 40 अन्य घायल हुए, जिनमें 30 पुलिसकर्मी शामिल हैं। लेह में कर्फ्यू लगा, पांच या अधिक लोगों के जमावड़े पर प्रतिबंध है। 
 केडीए का आरोप: बदला और दमन, युवाओं पर जिम्मेदारी न ठहराएं केडीए को-चेयरमैन असगर अली करबलाई ने कहा, "प्रदर्शन शांतिपूर्ण था, लेकिन हिंसा होने पर गोली चला दी गई। सहानुभूति के बजाय बदले की कार्रवाई हो रही है। बिना कारण लोगों को हिरासत में लिया जा रहा, परिवारों को परेशान किया जा रहा।" उन्होंने गोलीबारी के आदेश की जांच की मांग की। सदस्य सज्जाद कारगिली ने कहा, "बदले की कार्रवाई बंद हो। हालात बिगाड़ने की जिम्मेदारी सरकार की है, युवाओं को दोष न दें। व्यवस्था की विफलता के लिए उन्हें बलि का बकरा न बनाएं।" उन्होंने एक्स पर लिखा, "लेह की दुखद घटना पर संवेदना। सरकार से तुरंत बातचीत और शांति बहाली की अपील।" कारगिल में बंद के दौरान बाजार बंद, सड़कें खाली रहीं। 

 केंद्र का पक्ष: वांगचुक पर जिम्मेदारी, बातचीत का वादा केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रात के बयान में सोनम वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया, कहा कि उनके 'उत्तेजक बयान' (अरब स्प्रिंग और नेपाल जेन-जेड प्रोटेस्ट का जिक्र) ने हिंसा भड़काई। वांगचुक ने अनशन तोड़ा, लेकिन कहा, "शांतिपूर्ण आंदोलन विफल होने से युवा फ्रेंजी में आ गए।" मंत्रालय ने बताया कि LAB-KDA के साथ हाई-पावर कमिटी की बैठक 6 अक्टूबर को है, और पहले ही ST आरक्षण 84% किया गया। 

प्रतिक्रियाएं: शांति की अपील, लेकिन तनाव बरकरार जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्लाह ने कहा, "हालात खराब हैं। लोगों से कानून हाथ में न लें, शांति का रास्ता अपनाएं। केंद्र को उनकी बात सुननी चाहिए।" भाजपा ने हिंसा को 'कांग्रेस से प्रेरित' बताया, जबकि वामपंथी दलों ने केंद्र पर 'लोगों को धोखा' का आरोप लगाया। विशेषज्ञों का कहना है कि बिना ठोस समाधान के आग फिर भड़क सकती है। केडीए ने संवाद पर जोर दिया, लेकिन दमन बंद करने की चेतावनी दी। लद्दाख की नाजुक शांति अब केंद्र की परीक्षा ले रही है।