संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 80वें सत्र में अपने संबोधन के दौरान ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान ने सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए रक्षा समझौते का 'स्वागत' किया। उन्होंने इसे 'क्षेत्रीय सुरक्षा प्रणाली की शुरुआत' करार दिया, जो मुस्लिम देशों के बीच राजनीतिक, सुरक्षा और रक्षा सहयोग को मजबूत करेगा। पेज़ेश्कियान ने इस महीने कतर की राजधानी दोहा पर इजरायली हमले की भी निंदा की, साथ ही ईरान के परमाणु कार्यक्रम को शांतिपूर्ण बताया।
समझौते पर ईरान का सकारात्मक रुख: सहयोग की अपील पेज़ेश्कियान ने बुधवार को न्यूयॉर्क में दिए गए भाषण में कहा, "ईरान सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच रक्षा समझौते का स्वागत करता है, जो पश्चिम एशिया के मुस्लिम देशों के बीच व्यापक क्षेत्रीय सुरक्षा प्रणाली की शुरुआत है।" उन्होंने जोर दिया कि यह कदम राजनीतिक, सुरक्षा और रक्षा क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देगा। समझौता रियाद में 17 सितंबर को सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बीच हस्ताक्षरित हुआ, जिसमें एक देश पर आक्रमण को दूसरे पर हमला माना जाएगा। राष्ट्रपति ने कहा कि क्षेत्र और दुनिया का भविष्य सहयोग, विश्वास और साझा विकास पर आधारित होना चाहिए। उन्होंने अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच शांति प्रक्रिया का भी समर्थन किया, उम्मीद जताई कि यह स्थायी परिणाम देगा।
दोहा हमले की निंदा: सुरक्षा के लिए विश्वास जरूरी पेज़ेश्कियान ने इस महीने दोहा पर इजरायली हमले को 'आपराधिक' बताते हुए निंदा की। उन्होंने कहा, "सुरक्षा बल प्रयोग से हासिल नहीं होती, बल्कि इसके लिए विश्वास बहाली, क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाना और बहुपक्षीय एकता जरूरी है।" उन्होंने इजरायल पर ईरान, सीरिया, यमन और कतर में हमलों का आरोप लगाया, कहा कि दुश्मनों ने ईरानी लोगों को बांटने की कोशिश विफल रही।
परमाणु कार्यक्रम पर स्पष्ट बयान: हथियारों की कोई मंशा नहीं ईरानी राष्ट्रपति ने दोहराया, "ईरान ने कभी परमाणु हथियार हासिल करने की कोशिश नहीं की और न ही कभी करेगा।" यह बयान यूरोपीय शक्तियों के साथ परमाणु समझौते (जेसीपीओए) पर बातचीत के बीच आया, जहां प्रतिबंधों की धमकी बरकरार है। उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के समझौते से हटने को जिम्मेदार ठहराया।
क्षेत्रीय संदर्भ: शांति और एकता पर जोर यह बयान ईरान-इजरायल तनाव के बीच आया, जहां इस साल 12-दिन के संघर्ष में कई ईरानी नेता मारे गए। पेज़ेश्कियान ने यूक्रेन युद्ध पर भी टिप्पणी की, न्यायपूर्ण समाधान की अपील की। विशेषज्ञों का कहना है कि सऊदी-पाकिस्तान समझौते का स्वागत ईरान की क्षेत्रीय एकता की रणनीति को दर्शाता है। यूएनजीए में यह पहला प्रमुख संबोधन था, जो तेहरान की शांति इच्छा को रेखांकित करता है।