पटना, 24 अक्टूबर 2025 बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन ने तेजस्वी यादव को सीएम फेस बनाकर NDA की रणनीति को झटका दिया है। राहुल गांधी की अनुपस्थिति ने गोदी मीडिया और बीजेपी को बौखला दिया, लेकिन यह उनकी सोची-समझी चाल है। राहुल ने मोदी-शाह की साजिश को बेकार कर दिया है। छठ पूजा के बाद वे तेजस्वी के साथ जॉइंट रैलियों और रोड शो में प्रचार की कमान संभालेंगे।
NDA की कमजोरी उजागर बीजेपी की ओर से नीतीश कुमार को सीएम बनाने की कोई गारंटी नहीं है, जिससे उनका वोटबैंक डगमगा गया। कम से कम 18 सीटों पर NDA के लोग निर्दलीय लड़ रहे हैं, जो एक-दूसरे के वोट काटेंगे और महागठबंधन को फायदा पहुंचाएंगे। तेजस्वी ने कहा, "नीतीश जी को अपमानित किया जा रहा है। बिहार के मुद्दे बेरोजगारी और शिक्षा हैं, न कि हिंदू-मुस्लिम।" गोदी मीडिया की विश्वसनीयता खत्म होने से NDA को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।
महागठबंधन की ताकत महागठबंधन ने जीविका दीदियों को स्थायी नौकरी और 30 हजार मासिक वेतन का वादा किया है, जो NDA की योजनाओं को टक्कर देगा। राहुल की रणनीति साफ है – कांग्रेस अपनी सीटों पर बेहतर प्रदर्शन करेगी, जबकि सीएम का चेहरा RJD से ही होगा। बिहार के मुद्दे सेट हैं – युवा, रोजगार और बदलाव।
ऐतिहासिक जीत का मकसद 6 और 11 नवंबर को मतदान के बाद 14 नवंबर को रिजल्ट आएंगे। महागठबंधन का लक्ष्य है – नीतीश की सम्मानजनक विदाई, मोदी की हार और बिहार की ऐतिहासिक जीत। तेजस्वी की अगुवाई और राहुल की रणनीति बिहार को नई दिशा देगी।