Friday, 13 June 2025

"क्या ईरान पर इजराइल का हमला अमेरिका की प्रॉक्सी युद्ध की रणनीति है?"

"क्या ईरान पर इजराइल का हमला अमेरिका की प्रॉक्सी युद्ध की रणनीति है?"
13 जून 2025 को इजराइल ने ईरान पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए, जिसमें ईरान के परमाणु ठिकानों और सैन्य नेतृत्व को निशाना बनाया गया। इन हमलों में ईरान के शीर्ष कमांडर हुसैन सलामी सहित कई सैन्य अधिकारी और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए। ईरान ने इसे "युद्ध की घोषणा" करार देते हुए जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है। लेकिन सवाल उठता है: क्या यह इजराइल का स्वतंत्र हमला है, या अमेरिका इजराइल के माध्यम से ईरान के खिलाफ प्रॉक्सी युद्ध लड़ रहा है?

अमेरिका की भूमिका पर सवाल अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने स्पष्ट किया कि अमेरिका ने इन हमलों में सैन्य सहायता नहीं दी, लेकिन "उत्कृष्ट" खुफिया जानकारी प्रदान की। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हमलों को "सफल" बताया और ईरान को परमाणु समझौते के लिए दबाव डाला। यह दिखाता है कि भले ही अमेरिका सीधे तौर पर शामिल नहीं था, उसकी रणनीतिक सहमति और समर्थन मौजूद था।

प्रॉक्सी युद्ध का इतिहास अमेरिका और ईरान के बीच तनाव दशकों पुराना है, जो अक्सर प्रॉक्सी युद्धों के रूप में सामने आया है। ईरान ने हिजबुल्लाह, हमास और हूती जैसे समूहों के जरिए इजराइल और अमेरिकी हितों को निशाना बनाया, जबकि अमेरिका ने इजराइल को अरबों डॉलर की सैन्य सहायता देकर ईरान को काबू करने की कोशिश की। हाल के वर्षों में, इजराइल ने सीरिया और लेबनान में ईरानी ठिकानों पर हमले किए, जिन्हें अमेरिकी समर्थन प्राप्त था।

क्यों प्रॉक्सी युद्ध? अमेरिका के लिए इजराइल के माध्यम से ईरान पर हमला करना कई कारणों से सुविधाजनक है। पहला, यह अमेरिका को सीधे युद्ध में शामिल होने से बचाता है, जिससे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय विरोध कम होता है। दूसरा, इजराइल की सैन्य क्षमता और भौगोलिक निकटता इसे ईरान के खिलाफ प्रभावी हथियार बनाती है। तीसरा, यह हमला ईरान के परमाणु कार्यक्रम को कमजोर करने के साथ-साथ अमेरिका की क्षेत्रीय प्रभुत्व को मजबूत करता है।

ईरान की कमजोर स्थिति पिछले साल हिजबुल्लाह, हमास और सीरिया में बशर अल-असद जैसे ईरानी समर्थकों की हार ने ईरान को क्षेत्रीय रूप से कमजोर किया है। इजराइल ने इस कमजोरी का फायदा उठाते हुए हमले किए। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका ने इस समय को रणनीतिक रूप से चुना ताकि ईरान को परमाणु वार्ता के लिए मजबूर किया जा सके।

निष्कर्ष हालांकि इजराइल ने हमले किए, लेकिन अमेरिका की खुफिया सहायता और ट्रम्प प्रशासन का रुख बताता है कि यह एक सुनियोजित रणनीति का हिस्सा हो सकता है। यह प्रॉक्सी युद्ध मध्य पूर्व में तनाव को और बढ़ा सकता है, जिसके परिणाम क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता के लिए खतरनाक हो सकते हैं। क्या यह वास्तव में अमेरिका की छद्म रणनीति है? यह सवाल अभी अनुत्तरित है, लेकिन तथ्य इस ओर इशारा करते हैं।