भारत में बुलेट ट्रेन का सपना एक बार फिर धराशायी हो गया है। 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़े जोर-शोर से घोषणा की थी कि 2022 तक देश में बुलेट ट्रेन दौड़ने लगेगी। लेकिन अब खुलासा हुआ है कि 3 लाख करोड़ रुपये की लागत से बन रहे बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के ट्रैक पर पहले वंदे भारत ट्रेन दौड़ेगी, और बुलेट ट्रेन का सपना शायद कुछ साल बाद ही पूरा हो। इस प्रोजेक्ट की सबसे बड़ी विडंबना यह है कि भारत में रेलवे ब्रॉड गेज पर चलती है, जबकि बुलेट ट्रेन के लिए स्टैंडर्ड गेज ट्रैक तैयार किया गया है, जो मेट्रो की तरह है। इसका मतलब है कि वंदे भारत के लिए शुरुआत में इस्तेमाल होने वाले ट्रैक बाद में बुलेट ट्रेन के लिए अनुपयोगी हो जाएंगे और कबाड़ में तब्दील हो सकते हैं। इस खराब प्लानिंग का ठीकरा सरकार की नीतियों पर फूट रहा है। आलोचकों का कहना है कि यह प्रोजेक्ट जनता को लुभाने और वोट बटोरने का एक हथकंडा था, जिसके लिए देश के टैक्सपेयर्स के पैसे को बर्बाद किया गया। सवाल उठता है कि क्या भारत वाकई बुलेट ट्रेन के लिए तैयार था, या यह महज एक राजनीतिक स्टंट था?
मोदी की बुलेट ट्रेन का गुब्बारा फुस्स: 3 लाख करोड़ की बर्बादी, पहले दौड़ेगी वंदे भारत!