पांच साल का फ़िलिस्तीनी बच्चा करीम अन्नदीम अपने नवजात भाई के साथ ग़ाज़ा में कई घंटों तक मलबे के नीचे ज़िन्दा रहा।
तेहरान विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर उस्ताद सय्यद मोहम्मद मरंदी ने ज़ायोनियों के इस अपराध की तस्वीर प्रकाशित करके लिखा है कि पश्चिम के समर्थन से ज़ायोनी अपराध कर रहे हैं।
साहित्य और पूर्वी मामलों के विशेषज्ञ उस्ताद सय्यद मोहम्मद मरंदी ने ग़ाज़ा में ज़ायोनियों के इस अपराध की प्रतिक्रिया में सोशल प्लेटफ़ार्म X पर लिखा कि फ़िलिस्तीनी डा᳴क्टरों ने ऐसी स्थिति में फ़िलिस्तीन के निर्दोष नवजात और उसके भाई को मलबे के नीचे से बाहर निकाला जब पश्चिमी राजनेता और डिप्लोमेट इस अपराध का समर्थन कर रहे हैं।
उस्ताद मरंदी ने बल देकर कहा कि आइये साफ़- साफ़ कहता हूं कि यह हैवानियत व पाश्विकता मानवाधिकारों की रक्षा का दम भरने वाली सभ्यता का नतीजा है। MM